नवरात्रि से दीपावली तक चलेगा काव्य–महोत्सव
जोधपुर। निरमा प्रकाशन ने नवरात्रि और दीपावली को साहित्यिक रंग देने के उद्देश्य से भव्य काव्य महोत्सव एवं प्रकाशन योजना की घोषणा की है। इस आयोजन की विशेषता यह है कि इसमें प्रतियोगिता और प्रकाशन, दोनों का संगम होगा। कवियों को प्रतिदिन, नवरात्रि के नौ दिनों और दीपावली के दो मासिक चरणों में निरंतर लेखन का अवसर मिलेगा। प्रत्येक स्वरूप में प्रतिभागियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच मिलेगा और श्रेष्ठ रचनाकारों को विशेष सम्मान भी प्रदान किया जाएगा।
प्रतियोगिता तीन स्वरूपों में होगी। पहला स्वरूप दैनिक प्रतियोगिता का है, जिसमें प्रत्येक दिन एक नया विषय दिया जाएगा और उसी विषय पर लिखी गई श्रेष्ठ रचना को विजेता चुना जाएगा। दूसरा स्वरूप नवरात्रि विशेष का है, जिसमें प्रतिभागियों को लगातार नौ दिन तक लिखना अनिवार्य होगा। यदि कोई बीच में चूक गया तो वह प्रतियोगिता से बाहर हो जाएगा। तीसरा स्वरूप दीपावली विशेष मासिक प्रतियोगिता का है, जो दो महीने तक चलेगी। इसे दो चरणों में बाँटा गया है, प्रत्येक चरण तीस दिनों का होगा और इसमें निरंतर लेखन अनिवार्य होगा। इस प्रकार यह आयोजन केवल प्रतियोगिता ही नहीं, बल्कि लेखन–अनुशासन और सृजन–शक्ति की परीक्षा भी होगा।
इस साहित्यिक दीपोत्सव का सबसे आकर्षक पक्ष इसकी प्रकाशन योजना है। निरमा प्रकाशन पाँच सौ ई–बुक निःशुल्क प्रकाशित करेगा। साथ ही सौ साझा संकलन प्रकाशित किए जाएँगे और प्रत्येक संकलन में सौ लेखकों की रचनाएँ सम्मिलित होंगी। इस प्रकार कुल दस हज़ार रचनाओं को प्रकाशन का अवसर मिलेगा। यह आयोजन हिंदी साहित्य की दुनिया में एक ऐतिहासिक उपलब्धि सिद्ध होगा, क्योंकि एक साथ इतनी बड़ी संख्या में कवियों को अपनी लेखनी को पुस्तक–रूप देने का अवसर पहली बार मिल रहा है।
प्रतिभागियों को इस योजना में केवल प्रकाशन ही नहीं, बल्कि और भी अनेक लाभ मिलेंगे। उन्हें निरमा प्रकाशन की ओर से विशेष प्रमाण–पत्र प्रदान किए जाएँगे, उनकी रचनाओं को व्यापक पाठक–वर्ग तक पहुँचाने का अवसर मिलेगा और साथ ही हिंदी साहित्य एवं पत्रकारिता से जुड़े कोर्स में निःशुल्क प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस प्रकार यह आयोजन कवियों और लेखकों के लिए लेखन, प्रकाशन और प्रशिक्षण का अद्वितीय संगम बनेगा।
इस महोत्सव में भाग लेने के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया 21 अगस्त से 31 अगस्त तक चलेगी। इच्छुक कवि और लेखक निरमा प्रकाशन की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। प्रतियोगिता का शुभारंभ 1 सितम्बर से होगा और अपेक्षा है कि देशभर से हजारों प्रतिभागी इसमें भाग लेकर इस साहित्यिक दीपोत्सव को ऐतिहासिक बनाएँगे।
नवरात्रि की भक्ति और दीपावली की ज्योति के साथ यह साहित्यिक दीपोत्सव न केवल हिंदी भाषा और उसकी गौरवशाली परंपरा को नया आयाम देगा, बल्कि उन सभी रचनाकारों के लिए अमर स्मृति बनेगा जो अपनी कलम को युगों तक चमकाना चाहते हैं।

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