आज की दौड़ती-भागती दुनिया में "सफलता" का पैमाना सिर्फ ओहदे, बैंक बैलेंस और लोकप्रियता बन चुका है। हर दूसरा युवा कहता है — "मुझे बड़ा आदमी बनना है।" पर क्या कभी किसी ने कहा, "मुझे अच्छा इंसान बनना है"? यह प्रश्न जितना सरल दिखता है, उत्तर उतना ही टेढ़ा और टालू हो गया है। एक समय था जब चरित्र, व्यवहार और इंसानियत को जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि माना जाता था, पर आज ये शब्द केवल किताबों, भाषणों और सोशल मीडिया के कोट्स तक सीमित रह गए हैं। असल ज़िंदगी में अच्छाई, सहानुभूति और संवेदनशीलता को अक्सर कमज़ोरी समझा जाने लगा है। स…
सावन मास होता मनभावन काले बादल से छा जाता गगन इससे बारिश बरसते हर दिन इसे खुश होकर भीगता जन। सावन में पेड़ पौधों पुलकित होते हैं भूमि मनुष्य पशु पक्षी खुश होते हैं मिट्टी में तिनका अंकुरित होते हैं इस के द्वारा प्रकृति शोभा बढ़ाते हैं। सावन मास में कई पर्व मनाते हैं रक्षा बंधन धूम धाम से मनाते हैं सब लोग प्रकृति की पूजा करते हैं वर्षा की बूंदे से खेत शुरू होते हैं। सावन मास आया सावन मास आया बच्चों का मन में खुशहाल लाया जनता के दिल में उत्साह लाया इस उत्साह जीवन में याद आया
जिस वसुन्धरा पर ईश्वर ने भी बारम्बार स्वयं जन्म लिया है, देखो उस पृथ्वी का मानव ने आज यह कैसा हाल किया है? मनुष्य के पापों का दिन और रात बेबस धरती बोझ ढोती है, और उसके अत्याचारों से पीड़ित होकर वह निरन्तर रोती है। पुकारती है पृथ्वी कि मानव अब तो कुम्भकर्णी नींद से जागे, प्रकृति से जुड़ जाए वह हृदय से और स्वार्थसिद्धि को त्यागे। यदि मनुष्य इस वसुन्धरा की रक्षा करने में सफल हो जाएगा, तब ही सच्चे अर्थों में उसका अपना भी अस्तित्व बच पाएगा। सो पहले जैसी हो यह पृथ्वी सारी और उसका दोहन बंद हो, नदियाँ कल-कल बहें यहाँ जीवों का विचरण भी स्वच्छंद हो। वृ…
बरसात का समय था तेज बारिश हो रही थी। बदायूँ कॉलेज में इंजी० सुरेश चन्द्र क्लास ले रहे थे। तभी गेट की ओर से किसी की धीमी सी आवाज सुनाई दी— "मे आई कम इन सर?" भूरी आंखें, लंबा कद, गोल चेहरा बारिश में तरबतर भीगा हुआ, स्कूल बैग लिए लड़का गेट पर खड़ा था। "यस, कम इन," अध्यापक ने कहा। अंदर आकर लड़का बोला, "जी, मेरा नाम राहुल है। मैं इंजीनियरिंग का नया स्टूडेंट हूं। क्या आप मुझे बता सकते हैं कि केमिकल इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष की क्लास कहाँ है?" "यह प्रथम वर्ष ही है और मैं तुम्हारा क्लास टीचर हूं। वहां जाकर बैठ जाओ।&quo…
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