शिक्षा/शिल्पा अनुपम गुप्ता

नन्हे नन्हे कोमल हाथों से....

शिक्षा की अलख जगाना है..

जीवन को जो सुंदर कर जाये...

वो कलम चलाना सिखलाना है..

इनकी वो नन्ही प्यारी मुस्कान..

कही छीन न ले बालश्रम रूपी शैतान...

बालश्रम अभिशाप है ऐसा...

बच्चों का जीवन छीन ले जैसा..

इस अभिशाप से लडने को...

समाज मे जागरूकता फैलाना है..

स्कूलों मे भेज इन्हें, शिक्षित कर दिखलाना है..

इनके छोटे छोटे अरमानों को...

नव आकाश दिखलाना है...

शिक्षा की अलख जगाना है...

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