निर्माण पत्रिका द्वारा हिंदी दिवस (14 सितंबर )के अवसर पर आयोजित काव्य प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा गुरुवार (18 सितम्बर) को की गई

निर्माण पत्रिका द्वारा हिंदी दिवस पर आयोजित काव्य प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा गुरुवार को की गई, जिसमें प्रतिभागियों की उत्कृष्ट रचनाओं ने साहित्य जगत को नई दिशा दी और संपादकीय टीम ने गुणवत्ता, भाषा-शैली व पसंदीदगी के आधार पर श्रेष्ठ रचनाकारों का चयन किया।

जोधपुर ,दैनिक निर्माण /निर्माण पत्रिका द्वारा हिंदी दिवस (14 सितंबर )के अवसर पर आयोजित काव्य प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा गुरुवार (18 सितम्बर) को की गई। इस अवसर पर देशभर से आई कविताओं ने साहित्यिक समाज को नई ऊर्जा दी। प्रतिभागियों की रचनाओं में भावनाओं की गहराई, भाषा की सुंदरता और साहित्यिक दृष्टि का अद्भुत संगम देखने को मिला।

मुख्य संपादक जसराज बिश्नोई ने जानकारी दी कि प्रतियोगिता में प्राप्त रचनाओं का मूल्यांकन संपादकीय टीम द्वारा गुणवत्ता, भाषा-शैली और पसंदीदगी के आधार पर किया गया। उन्होंने बताया कि सभी प्रतिभागियों की कविताएँ उत्कृष्ट थीं, लेकिन नियमों के अनुसार विजेताओं का चयन करना अनिवार्य था।

घोषित परिणामों के अनुसार प्रथम स्थान पर डॉ.विभव सक्सेना और गणपत लाल उदय रहे। द्वितीय स्थान पर प्रीति ढींगरा और शालिनी सिंह को स्थान मिला, जबकि तृतीय स्थान कविता साव और शोभना कर्ण को प्रदान किया गया। विजेताओं को हार्दिक बधाई देते हुए मुख्य संपादक ने कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताएँ हिंदी भाषा और साहित्य को निरंतर समृद्ध करती हैं।

निर्माण पत्रिका की संपादकीय टीम ने इस आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। टीम में मुख्य संपादक, वरिष्ठ संपादक, संपादक संयोजक, सहयोगी संपादक, भाषा संपादक तथा रचना परीक्षक शामिल हैं। इस अवसर पर डॉ. स्वाति जाजू, डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी, इंदु शेखर त्रिपाठी, अंजली परेरा, डॉ. विनीता राठौर, डॉ. अवधूत एरंडे, राजू धाकड़ सरल, मोहिनी सहित कई भाषा संपादक और परीक्षकों ने प्रतिभागियों की रचनाओं का निष्पक्ष मूल्यांकन किया।

रचना परीक्षक मंडल में अभय प्रताप सिंह, नवीन कुमार लववंशी, संजय कुमार, यशपाल कुमार, अनुराग उपाध्याय, प्रियंका यादव, कृष्ण कुमार पाठक, हेमंत सिंह, रितेश मौर्य, शिवम् सिंह, अर्घ मुखर्जी, गौरव ठाकुर, महेश तंवर, कविता बोरा, सुजीत कुमार, तृप्ति जैन, अतुल मिश्रा, गौरव अग्रवाल मन, रामराज बालाच, सचिन शर्मा, रानी और नीतू धाकड़ अंबर सम्मिलित रहे।

निर्माण पत्रिका का मानना है कि ऐसे साहित्यिक आयोजन हिंदी दिवस की सार्थकता को और अधिक प्रखर बनाते हैं। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रत्येक रचनाकार ने अपनी लेखनी से यह सिद्ध किया कि हिंदी भाषा न केवल अभिव्यक्ति का माध्यम है बल्कि सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक चेतना को जोड़ने वाली शक्ति भी है।

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