अभ्यास: सहपाठी का इंटरव्यू लेना

 साक्षात्कार कला का अभ्यास करने के लिए सहपाठी का इंटरव्यू लेना एक सरल और प्रभावी तरीका है। यह अभ्यास छात्रों को प्रश्न तैयार करने, भाषा के प्रयोग और शिष्टाचार बनाए रखने की वास्तविक प्रक्रिया सिखाता है। किसी सहपाठी को इंटरव्यू के लिए चुनते समय पहले उसे सहज और आरामदायक माहौल देना चाहिए, ताकि वह खुलकर अपनी बात कह सके। इसके बाद कुछ सामान्य प्रश्नों से शुरुआत करनी चाहिए, जैसे उसका नाम, शौक, पसंदीदा विषय या भविष्य की योजनाएँ। धीरे-धीरे बातचीत को रोचक और गहराई वाले प्रश्नों की ओर ले जाया जा सकता है, जैसे कि पढ़ाई में आने वाली चुनौतियाँ, जीवन के अनुभव या किसी सामाजिक मुद्दे पर उसकी राय। इंटरव्यू लेने वाला छात्र नोट्स भी बनाए और यदि संभव हो तो रिकॉर्डिंग भी करे, ताकि बाद में सटीक रिपोर्ट तैयार की जा सके। इस अभ्यास से छात्रों को न केवल प्रश्न पूछने की कला आती है बल्कि वे यह भी सीखते हैं कि सामने वाले को सम्मानपूर्वक सुनना और संवाद को सहज बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है। अंत में इस अभ्यास से तैयार इंटरव्यू को लिखित रूप में प्रस्तुत करना चाहिए, जिससे रिपोर्टिंग और लेखन कौशल दोनों में सुधार होता है।

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