इंटरव्यू में भाषा और शिष्टाचार

 

साक्षात्कार केवल प्रश्न–उत्तर का आदान-प्रदान नहीं है, बल्कि यह संवाद की एक संवेदनशील प्रक्रिया है, जिसमें भाषा और शिष्टाचार की भूमिका सबसे अधिक महत्वपूर्ण होती है। इंटरव्यू लेने वाले व्यक्ति की भाषा हमेशा सहज, सरल और सम्मानजनक होनी चाहिए, ताकि सामने वाला खुलकर अपने विचार व्यक्त कर सके। कटु, आरोपित या असभ्य शब्दों का प्रयोग कभी नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे इंटरव्यू देने वाला असहज हो सकता है और बातचीत का प्रवाह टूट सकता है। शिष्टाचार का पालन करते हुए प्रश्न पूछना, सामने वाले को बीच में न टोकना, उसकी बात ध्यान से सुनना और उचित अवसर पर प्रतिक्रिया देना साक्षात्कार को प्रभावी बनाता है। यदि इंटरव्यू का विषय संवेदनशील हो तो सवालों को और अधिक सावधानी और विनम्रता से रखना आवश्यक है, ताकि संवाद में विश्वास बना रहे। इसके अलावा भाषा में तटस्थता और संतुलन भी जरूरी है, क्योंकि पत्रकार का काम विचारों को प्रस्तुत करना है, न कि अपने विचार थोपना। अच्छा इंटरव्यू वही होता है जिसमें दोनों पक्ष सहज हों, और यह तभी संभव है जब भाषा स्वाभाविक और शिष्टाचार पूर्ण हो।

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