उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के सौजन्य से मंगलौर (उत्तराखंड) स्थित कन्या पाठशाला इंटर कॉलेज सभागार में आयोजित अखिल भारतीय संस्कृत कवि सम्मेलन में देशभर से आए कविगणों ने अपनी मधुर वाणी से संस्कृत कविताओं का रससिक्त संचार कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

रूड़क के निकटवर्ती मंगलौर (उत्तराखंड) में उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के सौजन्य से एक अखिल भारतीय संस्कृत कवि सम्मेलन का आयोजन केवल कन्या पाठशाला इन्टर कॉलेज मंगलौर के सभागार में किया गया जिसके मुख्य समन्वयक निदेशक, संस्कृत शिक्षा उत्तराखंड, डॉ. आनंद भारद्वाज जी थे। इस कार्यक्रम में देश भर के लगभग 15 संस्कृत के कवि गण उपस्थित हुए, जिन्होंने बहुत ही मधुर वाणी में संस्कृत में कविताएं सुना कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। इस कार्यक्रम के अध्यक्ष पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी जी महाराज रहे तथा अति विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोफेसर कमल किशोर पंत निदेशक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की मौजूद रहे। मेरे जीवन का इस तरह का संस्कृत कवि सम्मेलन सुनने का यह पहला अनुभव रहा जो बहुत ही सुखद रहा। आदरणीय डॉ आनंद भारद्वाज जी के माध्यम से इस कवि सम्मेलन में मुझे भी आमंत्रित किया गया था। रुड़की के कुछ अन्य कविगण सुबोध कुमार पुंडीर 'सरित्', विनय प्रताप सिंह ,किसलय क्रांतिकारी, राजकुमार उपाध्याय, पंकज गर्ग,नवीन शरण निश्चल आदि को भी विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। इस भव्य आयोजन में सुरेन्द्र सिंह सैनी ने भी अपनी रचना का पाठ हिंदी में प्रस्तुत किया। आयोजकों का एवं डॉक्टर आनंद भारद्वाज जी का हृदय से आभार प्रकट करता हूॅं । प्रतिभाग करने वाले सभी कविगण को उत्तराखंड संस्कृत अकादमी की तरफ से सम्मान पत्र भी जारी किए गए। आयोजन को पूर्ण रूप से सफल बनाने के लिए उत्तराखंड संस्कृत के शिक्षा निदेशक डॉ. आनंद भारद्वाज जी को बहुत-बहुत बधाई।
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