नन्हे नन्हे कोमल हाथों से.... शिक्षा की अलख जगाना है.. जीवन को जो सुंदर कर जाये... वो कलम चलाना सिखलाना है.. इनकी वो नन्ही प्यारी मुस्कान.. कही छीन न ले बालश्रम रूपी शैतान... बालश्रम अभिशाप है ऐसा... बच्चों का जीवन छीन ले जैसा.. इस अभिशाप से लडने को... समाज मे जागरूकता फैलाना है.. स्कूलों मे भेज इन्हें, शिक्षित कर दिखलाना है.. इनके छोटे छोटे अरमानों को... नव आकाश दिखलाना है... शिक्षा की अलख जगाना है...
1. बचपन का पृष्ठ — मैं जन्मा तो सभी ने कहा, "अफ़सोस... इसके पास तो आँखें नहीं हैं।" सोचा था कोई रोग है, छिपकर गुज़र जाएगा, क्या ख़बर थी I यह कमी तो जीवनभर साथ निभाएगी। दुनिया में आने से पूर्व, ईश्वर ने मुझसे कहा था, "नीचे जाते ही, तुम्हें रोना होगा।" किन्तु उन्होंने यह नहीं बताया, कि मेरी आँखें नहीं होंगी I तो मैं रोऊँगा कैसे? मजबूरन मुझे अपने हृदय से रोना पड़ा, जहाँ चारों ओर केवल अंधकारमयी दुनिया थी, क्योंकि मैं रोता हूँ, पर आँखों से नहीं। 2. संसार का पहला दर्द — किसी ने हँसकर ज़ोर से कहा, "अरे, यह तो अंधा है!" म…
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