साक्षात्कार कला का अभ्यास करने के लिए सहपाठी का इंटरव्यू लेना एक सरल और प्रभावी तरीका है। यह अभ्यास छात्रों को प्रश्न तैयार करने, भाषा के प्रयोग और शिष्टाचार बनाए रखने की वास्तविक प्रक्रिया सिखाता है। किसी सहपाठी को इंटरव्यू के लिए चुनते समय पहले उसे सहज और आरामदायक माहौल देना चाहिए, ताकि वह खुलकर अपनी बात कह सके। इसके बाद कुछ सामान्य प्रश्नों से शुरुआत करनी चाहिए, जैसे उसका नाम, शौक, पसंदीदा विषय या भविष्य की योजनाएँ। धीरे-धीरे बातचीत को रोचक और गहराई वाले प्रश्नों की ओर ले जाया जा सकता है, जैसे कि पढ़ाई में आने वाली चुनौतियाँ, जीवन के अनुभव…
साक्षात्कार केवल प्रश्न–उत्तर का आदान-प्रदान नहीं है, बल्कि यह संवाद की एक संवेदनशील प्रक्रिया है, जिसमें भाषा और शिष्टाचार की भूमिका सबसे अधिक महत्वपूर्ण होती है। इंटरव्यू लेने वाले व्यक्ति की भाषा हमेशा सहज, सरल और सम्मानजनक होनी चाहिए, ताकि सामने वाला खुलकर अपने विचार व्यक्त कर सके। कटु, आरोपित या असभ्य शब्दों का प्रयोग कभी नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे इंटरव्यू देने वाला असहज हो सकता है और बातचीत का प्रवाह टूट सकता है। शिष्टाचार का पालन करते हुए प्रश्न पूछना, सामने वाले को बीच में न टोकना, उसकी बात ध्यान से सुनना और उचित अवसर पर प्रतिक्र…
साक्षात्कार की सफलता का सबसे बड़ा आधार सही प्रश्न होते हैं, क्योंकि प्रश्न ही पूरे संवाद की दिशा तय करते हैं। एक कुशल पत्रकार या इंटरव्यू लेने वाला व्यक्ति कभी भी बिना तैयारी के प्रश्न नहीं करता, बल्कि पहले से विषय और इंटरव्यू देने वाले व्यक्ति की पृष्ठभूमि का अध्ययन करता है। प्रश्न तैयार करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि वे सरल, स्पष्ट और उद्देश्यपूर्ण हों। बहुत लंबे और जटिल प्रश्न सामने वाले को उलझा सकते हैं, इसलिए प्रश्न छोटे लेकिन गहरे होने चाहिए। इंटरव्यू में हमेशा खुले प्रश्नों को प्राथमिकता देनी चाहिए, ताकि व्यक्ति अपने विचार विस्तार से व…
Social Plugin