सीवान जिले के चैनपुर गांव के युवा साहित्यकार एवं शिक्षाविद् रूपेश कुमार को उनके सामाजिक, साहित्यिक और शैक्षणिक योगदान के लिए “कोशी मंच गौरव सम्मान – 2025” के लिए चुना गया है। अखिल भारतीय साहित्य सृजन मंच, खगड़िया (बिहार) द्वारा आयोजित चतुर्थ महाधिवेशन में यह सम्मान 15–16 नवम्बर को प्रदान किया जाएगा।
सीवान, बिहार सीवान जिले के चैनपुर गांव निवासी युवा साहित्यकार एवं शिक्षाविद् रूपेश कुमार को “कोशी मंच गौरव सम्मान – 2025” के लिए सम्पूर्ण भारत के 151 उत्कृष्ट व्यक्तियों में चयनित किया गया है। उन्हें यह सम्मान सामाजिक, साहित्यिक और शैक्षणिक क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए प्रदान किया जाएगा। यह सम्मान समारोह अखिल भारतीय साहित्य सृजन मंच, खगड़िया (बिहार) के तत्वावधान में आयोजित चतुर्थ महाधिवेशन के अवसर पर संपन्न होगा। दो दिवसीय यह भव्य आयोजन 15–16 नवम्बर 2025 को मधुमिता विवाह भवन, पिपरा, चौथम, खगड़िया (बिहार) में आयोजित किया जाएगा। संस्था के संस्थापक शिव कुमार सुमन के निर्देशन में रूपेश कुमार के नाम की घोषणा की गई है। रूपेश कुमार के इस चयन से न केवल साहित्य जगत, बल्कि समाजसेवा और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े युवाओं का मनोबल बढ़ेगा। इससे नई प्रेरणा और सृजनशील ऊर्जा का संचार होगा। रूपेश की अब तक चार पुस्तकें - मेरी कलम रो रही है, मेरा भी आसमान नीला होगा, कैसे बताऊँ तुझे और मैं सड़क का खिलाड़ी हूँ - दिल्ली, असम, गुजरात और प्रयागराज से प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी पाँचवीं पुस्तक “रूप की रश्मि” शीघ्र ही इंक पब्लिकेशन, प्रयागराज से प्रकाशित होने जा रही है, जो साहित्य जगत की उत्कृष्ट रचनाओं से सुसज्जित होगी। इसके अतिरिक्त वे पाँच साहित्यिक पुस्तकों के संपादन कार्य में भी सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं। भौतिक विज्ञान के छात्र होने के बावजूद रूपेश ने साहित्य के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। उनकी रचनाएँ देश-विदेश की अनेक प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्हें अब तक कबीर कोहिनूर सम्मान, विश्व भूषण सम्मान, भारती ज्योति सम्मान, डॉ. भीमराव अम्बेडकर कीर्ति सम्मान, भारत रत्न अटल सम्मान, अभ्युदय सम्मान, उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान सहित 300 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। रूपेश की इस उपलब्धि पर उनके परिवारजनों, शुभचिंतकों और क्षेत्रवासियों ने उन्हें हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं।
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