हैदराबाद की हाईटेक सिटी माधापुर स्थित श्री वेंकटेश्वर आर्किटेक्चर कॉलेज के सभागार में बहुभाषी कवियों के साझा काव्य संग्रह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का लोकार्पण एक गरिमामय समारोह में किया गया। गीता प्रकाशन, हैदराबाद द्वारा प्रकाशित इस संकलन का संपादन प्रसिद्ध लेखक एवं कवि सब्बानी लक्ष्मी नारायण ने किया है। समारोह में जनप्रतिनिधियों, साहित्यकारों और विद्यार्थियों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही। काव्य संग्रह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का लोकार्पण हैदराबाद । हैदराबाद की हाईटेक सिटी माधापुर में श्री वेंकटेश्वर आर्किटेक्चर कालेज के सभागार में साझा कविता संग्रह &quo…
निरमा प्रकाशन, दैनिक निर्माण और निर्माण पत्रिका समूह के संयुक्त तत्वावधान में हुआ आयोजन जोधपुर। निरमा प्रकाशन, दैनिक निर्माण एवं निर्माण पत्रिका समूह के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित “स्वतंत्रता दिवस विशेष काव्य प्रतियोगिता” का परिणाम 20 अगस्त को घोषित कर दिया गया। प्रतियोगिता का विषय “स्वतंत्रता का उत्सव : एक राष्ट्रीय चेतना” रखा गया था, जिस पर प्रतिभागियों ने अपनी मौलिक कविताएँ भेजीं। घोषित परिणामों में — 🏆 प्रथम स्थान : गणपत लाल उदय 🥈 द्वितीय स्थान : कुन्दन पाटील देवास 🥉 तृतीय स्थान : अयाज़ ख़ान विजेताओं को निरमा प्रकाशन की ओर से ऑनलाइन प…
नवम्बर 2025 में राजधानी दिल्ली साहित्य, संगीत और संस्कृति के भव्य उत्सव नवसृजन महोत्सव की मेज़बानी करने जा रही है। यह आयोजन कवि सम्मेलन, मुशायरा, साहित्यिक परिचर्चा, ओपन माइक, नृत्य और संगीत जैसे विविध कार्यक्रमों से सजा होगा। कला, साहित्य और संस्कृति का संगम नवसृजन कला, साहित्य एवं संस्कृति न्यास द्वारा आयोजित नवसृजन महोत्सव कला, साहित्य और संस्कृति के प्रेमियों के लिए एक विशेष अवसर होगा। इस महोत्सव में कवि सम्मेलन, मुशायरा, साहित्यिक गोष्ठियाँ, ओपन माइक, नृत्य और संगीत की रंगारंग प्रस्तुतियाँ होंगी। इस आयोजन क…
नवरात्रि की साधना और दीपावली की रौशनी के साथ इस वर्ष साहित्य भी अपने चरम उत्सव को प्राप्त करेगा। निरमा प्रकाशन इस बार एक ऐतिहासिक योजना लेकर आया है, जिसके अंतर्गत पाँच सौ ई–बुक, सौ साझा संकलन और भव्य काव्य प्रतियोगिता का आयोजन होगा। यह महोत्सव हिंदी साहित्य की परंपरा को नई दिशा देगा और देशभर के कवियों–लेखकों के लिए स्वर्णिम अवसर सिद्ध होगा। नवरात्रि से दीपावली तक चलेगा काव्य–महोत्सव जोधपुर। निरमा प्रकाशन ने नवरात्रि और दीपावली को साहित्यिक रंग देने के उद्देश्य से भव्य काव्य महोत्सव एवं प्रकाशन योजना की घोषणा की है। इस आयोजन की विशेषता यह है कि…
विजेताओं को ऑनलाइन प्रमाणपत्र, ई-बुक प्रकाशन और साझा संकलन प्रविष्टि से किया जाएगा सम्मानित जोधपुर। निरमा प्रकाशन, दैनिक निर्माण और निर्माण पत्रिका समूह के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित “15 अगस्त विशेष काव्य प्रतियोगिता” का परिणाम 20 अगस्त को घोषित किया जाएगा। प्रतियोगिता में देशभर के कवियों, लेखकों और रचनाकारों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और “स्वतंत्रता का उत्सव : एक राष्ट्रीय चेतना” विषय पर अपनी मौलिक रचनाएँ प्रस्तुत कीं। निरमा प्रकाशन के अनुसार प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले तीन विजेताओं का चयन किया गया है। प्रथम …
पत्रकारिता समाज को सूचना, विचार और विश्लेषण उपलब्ध कराने का माध्यम है। समय और तकनीक के साथ इसकी कई शाखाएँ विकसित हुई हैं। मुख्य रूप से पत्रकारिता तीन प्रमुख रूपों में बँटी मानी जाती है — प्रिंट पत्रकारिता, इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता और डिजिटल पत्रकारिता। हर शाखा की अपनी विशेषताएँ, कार्यशैली और प्रभाव क्षेत्र है। 1️⃣ प्रिंट पत्रकारिता (Print Journalism) यह पत्रकारिता का सबसे पुराना और परंपरागत रूप है। अख़बार, पत्रिकाएँ और समाचार पत्रिकाएँ इसी में आती हैं। विशेषताएँ: मुद्रित शब्दों के माध्यम से जानकारी का प्रसार। समाचार, लेख, संपादकीय…
पत्रकारिता सीखने का सबसे अच्छा तरीका है अभ्यास। छोटी खबरें लिखना एक पत्रकार के लिए शुरुआती अभ्यास की तरह होता है, क्योंकि इसमें संक्षिप्त रूप में पूरी जानकारी देनी होती है। इस अभ्यास से आप सीखेंगे कि हेडलाइन, लीड और बॉडी को मिलाकर कैसे प्रभावी समाचार लिखा जाता है। ✅ खबर लिखने के मूल चरण घटना या विषय तय करें। उसकी महत्वपूर्ण बातें नोट करें। 5W + 1H (कौन, क्या, कब, कहाँ, क्यों और कैसे) का ध्यान रखें। पहले हेडलाइन लिखें, फिर लीड और फिर बॉडी। समाचार को संक्षिप्त और स्पष्ट रखें। 📝 उदाहरण – एक छोटी खबर हेडलाइन (Headline) “…
पत्रकारिता में समाचार लिखने का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है — हेडलाइन, लीड और बॉडी। यही तीनों हिस्से मिलकर यह तय करते हैं कि पाठक खबर पढ़ेगा या नहीं। अगर हेडलाइन ध्यान खींचती है, लीड स्पष्ट और रोचक है, और बॉडी संतुलित व तथ्यपूर्ण है, तो समाचार प्रभावी बनता है। इन तीनों की अपनी-अपनी भूमिका और लेखन के सिद्धांत हैं जिन्हें हर पत्रकार को समझना और अपनाना चाहिए। 1️⃣ हेडलाइन (Headline) – शीर्षक लिखने के सिद्धांत हेडलाइन समाचार का दरवाज़ा है। यह छोटी होती है लेकिन असरदार होनी चाहिए। पाठक सबसे पहले हेडलाइन पढ़ता है, अगर यह आकर्षक है तो वह पूर…
पत्रकारिता में समाचार केवल एक ही रूप में नहीं होता, बल्कि इसके कई प्रकार हैं।हर समाचार का स्वरूप उसके उद्देश्य, शैली और प्रस्तुति पर निर्भर करता है।कभी खबर ताज़ा और सीधी होती है, तो कभी वह विस्तार से बताई जाती है।कभी किसी मुद्दे का गहरा विश्लेषण किया जाता है, तो कभी विचार प्रस्तुत करके पाठकों को सोचने पर मजबूर किया जाता है।इन्हीं आधारों पर समाचार को विभिन्न प्रकारों में बाँटा जाता है। 1️⃣ ताज़ा खबर (Breaking News) यह सबसे सामान्य और सबसे तेज़ समाचार का रूप है। किसी घटना या गतिविधि की जानकारी सबसे पहले, संक्षेप और सीधी भाषा में दी जाती …
समाचार पत्रकारिता की रीढ़ है। यह केवल किसी घटना की जानकारी नहीं, बल्कि समाज को जागरूक करने और उसे सही तथ्यों से जोड़ने का माध्यम है। एक अच्छा समाचार हमेशा तथ्यों पर आधारित, संतुलित और निष्पक्ष होता है। इसी को व्यवस्थित और स्पष्ट रूप से लिखने के लिए पत्रकारिता में एक महत्वपूर्ण सूत्र अपनाया जाता है, जिसे कहते हैं — 5W + 1H । यह छह सवाल हर समाचार की आत्मा होते हैं और इन्हीं के आधार पर एक खबर पूरी और प्रभावी बनती है। 📌 समाचार क्या है? समाचार (News) किसी भी ऐसी घटना, गतिविधि या जानकारी को कहते हैं, जो समाज के लिए महत्वपूर्ण, उपयोगी और नई …
समाचार पत्रकारिता की आत्मा है। यह केवल घटनाओं का विवरण नहीं होता, बल्कि समाज के लिए आवश्यक और उपयोगी जानकारी का प्रसार भी करता है। समाचार की नींव तथ्य, सत्य और निष्पक्षता पर टिकी होती है। एक सही समाचार वही है जो स्पष्ट हो, सरल भाषा में लिखा गया हो और जनता तक पूरी जानकारी पहुँचाए। पत्रकारिता में कहा जाता है कि समाचार लिखने के लिए 5W + 1H (Who, What, When, Where, Why और How) का ध्यान रखना अनिवार्य है। इन्हीं आधारों पर समाचार की संरचना तय होती है और यहीं से पत्रकारिता का वास्तविक अभ्यास शुरू होता है। समाचार क्या है? (5W + 1H) समाचार के प्रक…
पत्रकारिता केवल समाचार लिखने या घटनाओं को प्रस्तुत करने की कला नहीं है, बल्कि यह समाज का दर्पण और लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। यह जनमानस को जानकारी देने, जागरूक करने और सही दिशा में सोचने के लिए प्रेरित करने का सबसे सशक्त माध्यम है। पत्रकारिता का मूल आधार सत्य, तथ्य और निष्पक्षता है। आज के युग में पत्रकारिता का महत्व और भी बढ़ गया है, क्योंकि सूचना का प्रवाह तीव्र है और जनता तक सही जानकारी पहुँचाना ही पत्रकार का सबसे बड़ा कर्तव्य है। पत्रकारिता की परिभाषा और महत्व पत्रकारिता का इतिहास और विकास पत्रकार और लेखक/साहित्यकार में अंतर पत्रकारिता क…
पत्रकार और लेखक/साहित्यकार दोनों ही शब्द और लेखनी की दुनिया से जुड़े होते हैं, लेकिन इन दोनों का दृष्टिकोण और उद्देश्य अलग-अलग होता है। पत्रकार का काम होता है समाज की घटनाओं, परिस्थितियों और सच्चाई को जनता तक पहुँचाना, वहीं लेखक या साहित्यकार भावनाओं, विचारों और कल्पनाओं को कलात्मक रूप में व्यक्त करता है। पत्रकारिता आज के समय और घटनाओं पर केंद्रित होती है, जबकि साहित्य समय की सीमाओं से परे जाकर पीढ़ियों तक पढ़ा और समझा जा सकता है। 📰 पत्रकार कौन होता है? पत्रकार समाज का दर्पण माना जाता है। वह जो देखता है, सुनता है और सत्यापित करता है, उस…
📖 प्राचीन काल में पत्रकारिता की झलक भारत में समाचार और सूचना के आदान-प्रदान की परंपरा बहुत पुरानी है। वैदिक युग में श्रुति और स्मृति के माध्यम से ज्ञान और सूचनाएँ लोगों तक पहुँचाई जाती थीं। अशोक के शिलालेख और फरमान भी सूचना प्रसार का एक प्राचीन रूप थे। लोकगीत, कथावाचन, और दूत व्यवस्था भी शुरुआती पत्रकारिता मानी जा सकती है। 🖋️ भारत में आधुनिक पत्रकारिता की शुरुआत (प्रिंट पत्रकारिता) भारत में आधुनिक पत्रकारिता की शुरुआत 1780 में हुई जब जेम्स ऑगस्टस हिक्की ने पहला अंग्रेज़ी समाचार पत्र “हिक्कीज़ गजट” (Hickey’s Bengal Gazet…
पत्रकारिता वह विधा है जिसके माध्यम से समाज, देश और दुनिया में घटित घटनाओं, विचारों और मुद्दों की जानकारी जनता तक पहुँचाई जाती है। यह सूचना देने, जागरूक करने और समाज को सही दिशा दिखाने का माध्यम है। सरल शब्दों में — “पत्रकारिता सत्य, तथ्य और विचारों का सार्वजनिक प्रसारण है।” पत्रकारिता में सिर्फ खबरें लिखना ही शामिल नहीं होता, बल्कि घटनाओं की सही जानकारी जुटाना, उसका विश्लेषण करना, उसे निष्पक्ष और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत करना भी इसकी अहम जिम्मेदारी है। 🌍 पत्रकारिता का महत्व समाज को जागरूक करना पत्रकारिता लोगों को वर्तमान घटनाओं, समस्…
पत्रकारिता केवल समाचार लिखने की कला नहीं है, बल्कि यह समाज को जागरूक करने और सच्चाई को सामने लाने का माध्यम है।आज के दौर में, जब सूचना का प्रवाह तेज़ है और फेक न्यूज़ का खतरा भी बढ़ रहा है, ऐसे में प्रशिक्षित और जिम्मेदार पत्रकारों की ज़रूरत पहले से कहीं ज़्यादा है।यह कोर्स आपको पत्रकारिता की बुनियाद से लेकर डिजिटल युग की आधुनिक तकनीकों तक सिखाएगा। यहाँ आप समाचार लेखन, रिपोर्टिंग, इंटरव्यू, खोजी पत्रकारिता, संपादन, फोटो-वीडियो पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया का गहन प्रशिक्षण पाएँगे। साथ ही टीमवर्क, नैतिकता और करियर निर्माण की दिशा में भी मार्गदर…
उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ में आयोजित भव्य समारोह में बिहार के सीवान जिले के रूपेश कुमार को ‘निहारिका गौरव सम्मान-2025’ से सम्मानित किया गया। साहित्य, समाज सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिए यह सम्मान उन्हें देशभर के चार चयनित व्यक्तियों में से प्रदान किया गया। रूपेश इससे पहले भी अनेक राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त कर चुके हैं और युवा साहित्यकारों के लिए प्रेरणास्रोत बनकर उभरे हैं। बिहार के रूपेश को मिला "निहारिका गौरव सम्मान- 2025 उत्तरप्रदेश । बिहार के सीवान जिले के चैनपुर गॉंव के स्व० भीष्म प्रसा…
आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, माननीय शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियों, आज हम सब यहाँ अपने देश का सबसे बड़ा पर्व स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। आज का दिन हमें हमारे वीर स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान की याद दिलाता है। 15 अगस्त 1947 का वह ऐतिहासिक दिन, जब सदियों की गुलामी की जंजीरें टूट गईं और तिरंगा गर्व से लहराने लगा। "सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है।" हमारे देश के वीर सपूत — महात्मा गांधी, जिन्होंने सत्य और अहिंसा के बल पर आज़ादी की लड़ाई लड़ी, भगत सिंह, जिन्होंने हँसते-हँसत…
नन्हे नन्हे कोमल हाथों से.... शिक्षा की अलख जगाना है.. जीवन को जो सुंदर कर जाये... वो कलम चलाना सिखलाना है.. इनकी वो नन्ही प्यारी मुस्कान.. कही छीन न ले बालश्रम रूपी शैतान... बालश्रम अभिशाप है ऐसा... बच्चों का जीवन छीन ले जैसा.. इस अभिशाप से लडने को... समाज मे जागरूकता फैलाना है.. स्कूलों मे भेज इन्हें, शिक्षित कर दिखलाना है.. इनके छोटे छोटे अरमानों को... नव आकाश दिखलाना है... शिक्षा की अलख जगाना है...
1. बचपन का पृष्ठ — मैं जन्मा तो सभी ने कहा, "अफ़सोस... इसके पास तो आँखें नहीं हैं।" सोचा था कोई रोग है, छिपकर गुज़र जाएगा, क्या ख़बर थी I यह कमी तो जीवनभर साथ निभाएगी। दुनिया में आने से पूर्व, ईश्वर ने मुझसे कहा था, "नीचे जाते ही, तुम्हें रोना होगा।" किन्तु उन्होंने यह नहीं बताया, कि मेरी आँखें नहीं होंगी I तो मैं रोऊँगा कैसे? मजबूरन मुझे अपने हृदय से रोना पड़ा, जहाँ चारों ओर केवल अंधकारमयी दुनिया थी, क्योंकि मैं रोता हूँ, पर आँखों से नहीं। 2. संसार का पहला दर्द — किसी ने हँसकर ज़ोर से कहा, "अरे, यह तो अंधा है!" म…
आज की दौड़ती-भागती दुनिया में "सफलता" का पैमाना सिर्फ ओहदे, बैंक बैलेंस और लोकप्रियता बन चुका है। हर दूसरा युवा कहता है — "मुझे बड़ा आदमी बनना है।" पर क्या कभी किसी ने कहा, "मुझे अच्छा इंसान बनना है"? यह प्रश्न जितना सरल दिखता है, उत्तर उतना ही टेढ़ा और टालू हो गया है। एक समय था जब चरित्र, व्यवहार और इंसानियत को जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि माना जाता था, पर आज ये शब्द केवल किताबों, भाषणों और सोशल मीडिया के कोट्स तक सीमित रह गए हैं। असल ज़िंदगी में अच्छाई, सहानुभूति और संवेदनशीलता को अक्सर कमज़ोरी समझा जाने लगा है। स…
जिंदगी का हर सफर एक नया मुकाम लाता है, हर मोड़ पर एक चेहरा, एक कहानी सुनाता है। कभी मुस्कान में छिपा होता है दर्द किसी का, तो कभी खामोशी में झलकता है फ़र्ज़ किसी का। हर नया सफर, नई पहचान बनाता है, कभी भीड़ में छुपा, कोई इंसान नजर आता है। कुछ लोग बनते हैं यादों की मिसाल, कुछ रह जाते हैं जैसे अधूरी सी बात। जो देते हैं साथ बिना शर्तों के, जिनकी आँखों में उजाले हैं और हाथों में दीपक, वही होते हैं असली मनुष्य – जिनकी मानवता बेजुबान सी बोले। न जात पूछी, न धर्म देखा, बस दर्द में बाँध लिया एक दूजे को। ये वही लोग हैं जो इंसानियत के दीप जलाते हैं, जो ठं…
सावन मास होता मनभावन काले बादल से छा जाता गगन इससे बारिश बरसते हर दिन इसे खुश होकर भीगता जन। सावन में पेड़ पौधों पुलकित होते हैं भूमि मनुष्य पशु पक्षी खुश होते हैं मिट्टी में तिनका अंकुरित होते हैं इस के द्वारा प्रकृति शोभा बढ़ाते हैं। सावन मास में कई पर्व मनाते हैं रक्षा बंधन धूम धाम से मनाते हैं सब लोग प्रकृति की पूजा करते हैं वर्षा की बूंदे से खेत शुरू होते हैं। सावन मास आया सावन मास आया बच्चों का मन में खुशहाल लाया जनता के दिल में उत्साह लाया इस उत्साह जीवन में याद आया
जिस वसुन्धरा पर ईश्वर ने भी बारम्बार स्वयं जन्म लिया है, देखो उस पृथ्वी का मानव ने आज यह कैसा हाल किया है? मनुष्य के पापों का दिन और रात बेबस धरती बोझ ढोती है, और उसके अत्याचारों से पीड़ित होकर वह निरन्तर रोती है। पुकारती है पृथ्वी कि मानव अब तो कुम्भकर्णी नींद से जागे, प्रकृति से जुड़ जाए वह हृदय से और स्वार्थसिद्धि को त्यागे। यदि मनुष्य इस वसुन्धरा की रक्षा करने में सफल हो जाएगा, तब ही सच्चे अर्थों में उसका अपना भी अस्तित्व बच पाएगा। सो पहले जैसी हो यह पृथ्वी सारी और उसका दोहन बंद हो, नदियाँ कल-कल बहें यहाँ जीवों का विचरण भी स्वच्छंद हो। वृ…
ओ नई पीढ़ी! तुम्हें आज़ादी यूँ ही नहीं मिली, तुम्हें फोन मिले, किताबें मिलीं, Netflix मिला, किसी ने अपना नाम मिटा दिया था, ताकि तुम Instagram पर नाम बना सको। तुम्हें कैरियर चाहिए, हमें भी चाहिए था, पर हमने बंदूक थामी थी, तुम लाइट्स कैमरा थामे हो। इतिहास को मत भूलो, वरना इतिहास तुम्हें भूल जाएगा। ये राष्ट्र तुम्हारा घर है — लेकिन कोई और इस घर के लिए शहीद हुआ है।
बरसात का समय था तेज बारिश हो रही थी। बदायूँ कॉलेज में इंजी० सुरेश चन्द्र क्लास ले रहे थे। तभी गेट की ओर से किसी की धीमी सी आवाज सुनाई दी— "मे आई कम इन सर?" भूरी आंखें, लंबा कद, गोल चेहरा बारिश में तरबतर भीगा हुआ, स्कूल बैग लिए लड़का गेट पर खड़ा था। "यस, कम इन," अध्यापक ने कहा। अंदर आकर लड़का बोला, "जी, मेरा नाम राहुल है। मैं इंजीनियरिंग का नया स्टूडेंट हूं। क्या आप मुझे बता सकते हैं कि केमिकल इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष की क्लास कहाँ है?" "यह प्रथम वर्ष ही है और मैं तुम्हारा क्लास टीचर हूं। वहां जाकर बैठ जाओ।&quo…
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