दिल्ली के अग्रसैन भवन, यमुना विहार में साहित्य उपवन रचनाकार के तृतीय वार्षिकोत्सव एवं पुस्तक “हौसलों के हमसफ़र” भाग-2 का भव्य विमोचन देशभर से आए सैकड़ों साहित्यकारों, कवियों और विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ, जहां काव्यपाठ और प्रेरणादायी संबोधनों ने कार्यक्रम को यादगार बना दिया। “हौसलों के हमसफ़र” भाग-2 का भव्य विमोचन साहित्य उपवन रचनाकार तृतीय वार्षिकोत्सव हौसलों के हमसफ़र भाग -2 का भव्य विमोचन अग्रसैन भवन यमुना विहार दिल्ली सैंकड़ों साहित्यिक हस्तियों की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर दिल्ली एवं देश के विभिन्न राज्यों क…
“हिंदी: एकता की भाषा, भारतीय अस्मिता की पहचान” की थीम के साथ 14 सितंबर को क़तर में राष्ट्रीय हिंदी दिवस बड़े उत्साह और भाषा-प्रेम के साथ मनाया गया। भारतीय सांस्कृतिक केंद्र (ICC) से लेकर विभिन्न विद्यालयों तक हिंदी के रंग बिखरे। दोहा (क़तर) क़तर में राष्ट्रीय हिंदी दिवस 2025 का आयोजन प्रवासी भारतीयों के लिए भाषा और संस्कृति का उत्सव साबित हुआ। भारतीय सांस्कृतिक केंद्र (ICC) ने अशोका हॉल में प्रमुख समारोह आयोजित किया, जिसमें सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, काव्य पाठ, भाषण और हिंदी भाषा-साहित्य पर चर्चा हुई। भारतीय दूतावास के अधिकारियों, शिक्षाविदों,…
परलीका निवासी वरिष्ठ साहित्यकार रामस्वरूप किसान 25 से 28 सितम्बर तक पटना में होने वाले अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव उन्मेष में अपनी रचनाओं का पाठ करेंगे। राजस्थान/दैनिक निर्माण /परलीका (नोहर) निवासी वरिष्ठ साहित्यकार रामस्वरूप किसान एशिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव उन्मेष में शामिल होकर अपनी रचनाओं का पाठ करेंगे। यह भव्य आयोजन भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय, साहित्य अकादमी और बिहार सरकार के संयुक्त तत्वावधान में 25 से 28 सितम्बर तक पटना स्थित सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर व ज्ञान भवन में होगा। साहित्य अकादमी अध्यक्ष मधुसूदन आचार्य…
नवरात्रि के पावन अवसर पर दैनिक निर्माण ने नौ दिवसीय ऑनलाइन काव्य प्रतियोगिता का शुभारंभ किया है। पहले ही दिन बड़ी संख्या में कवियों ने भाग लेकर आयोजन को सफल बना दिया। जोधपुर / दैनिक निर्माण द्वारा आयोजित नवरात्रि काव्य प्रतियोगिता नौ दिनों तक निरंतर चलेगी। इसमें देशभर से कवि ऑनलाइन माध्यम से अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कर रहे हैं। आयोजन की विशेषता यह है कि प्रतिदिन तीन श्रेष्ठ कवियों को विजेता घोषित किया जाएगा। पहले दिन से ही कवियों में इस प्रतियोगिता को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिला। विभिन्न विषयों पर प्रस्तुत कविताओं ने न केवल नवरात्रि की भक्ति …
निर्माण पत्रिका द्वारा हिंदी दिवस पर आयोजित काव्य प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा गुरुवार को की गई, जिसमें प्रतिभागियों की उत्कृष्ट रचनाओं ने साहित्य जगत को नई दिशा दी और संपादकीय टीम ने गुणवत्ता, भाषा-शैली व पसंदीदगी के आधार पर श्रेष्ठ रचनाकारों का चयन किया। जोधपुर ,दैनिक निर्माण /निर्माण पत्रिका द्वारा हिंदी दिवस (14 सितंबर )के अवसर पर आयोजित काव्य प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा गुरुवार (18 सितम्बर) को की गई। इस अवसर पर देशभर से आई कविताओं ने साहित्यिक समाज को नई ऊर्जा दी। प्रतिभागियों की रचनाओं में भावनाओं की गहराई, भाषा की सुंदरता और स…
बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से ‘बोलती कलम साहित्यिक संस्था’ का प्रथम वार्षिकोत्सव राजकीय पुस्तकालय, वाराणसी में साहित्यिक उत्साह और ‘तेरा तुझको अर्पण’ की भावभूमि के साथ धूमधाम से मनाया गया। संस्थापक संजय राय ‘साई’ के नेतृत्व में हुए इस आयोजन में देशभर के प्रख्यात साहित्यकारों, कवियों और विद्वानों की गरिमामयी उपस्थिति रही। दैनिक निर्माण/वाराणसी बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से बोलती कलम साहित्यिक संस्था का प्रथम वार्षिकोत्सव राजकीय पुस्तकालय, वराणसी में ‘तेरा तुझको अर्पण ‘की भावना से अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बोलती कलम संस्था के संस्थाप…
शरत साहित्य कला श्रावंती और दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राजभाषा हिंदी कार्यक्रम में हिंदी व तेलुगू के लेखक-साहित्यकारों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया । हिंदी दिवस का भव्य कार्यक्रम करीमनगर ( तेलंगाना ) ।शरत साहित्य कला श्रावंती और दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में राजभाषा हिंदी का आयोजन किया गया जिसमें हिंदी और तेलुगू के लेखक और साहित्यकारों ने उत्साह से भाग लिया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विद्वान पुरोधा बोइनपल्ली हनुमंत राव और अध्यक्षता वि…
दिल्ली के यमुना विहार स्थित अग्रसैन भवन में 28 सितम्बर 2025 को साहित्य उपवन रचनाकार की बहुप्रतीक्षित कृति ‘हौसलों के हमसफ़र भाग-2’ का भव्य विमोचन होगा, जिसमें देशभर के प्रख्यात साहित्यकारों, कवियों और रचनाकारों की गरिमामयी उपस्थिति कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएगी। साहित्य उपवन रचनाकार की बहु प्रतीक्षित पुस्तक हौसलों के हमसफ़र भाग -2 का भव्य विमोचन 28 सितम्बर 2025 को अग्रसैन भवन यमुना विहार दिल्ली में होना सुनिश्चित हुआ है। विदित हो कि हौसलों के हमसफ़र भाग -1 पुस्तक पहले ही पाठकों के हाथों में पहुंच चुकी है, यह पुस्तक उसी का अगला भाग है। पुस्तक बीस ऐ…
आज की डिजिटल और टीवी पत्रकारिता में वीडियो न्यूज़ पैकेज (VNP) एक प्रमुख और प्रभावशाली माध्यम बन गया है। यह एक संक्षिप्त, व्यवस्थित और सजीव रिपोर्ट होती है, जिसमें वीडियो, ऑडियो, टेक्स्ट और ग्राफिक्स के माध्यम से समाचार प्रस्तुत किया जाता है। छोटा वीडियो न्यूज़ पैकेज तैयार करना पत्रकारिता के छात्रों और पेशेवरों के लिए महत्वपूर्ण अभ्यास है, क्योंकि यह उन्हें वास्तविक फील्ड रिपोर्टिंग और डिजिटल प्रस्तुति का अनुभव देता है। इस अभ्यास की शुरुआत होती है समाचार या घटना का चयन करके। पत्रकार को उस मुद्दे या घटना के बारे में गहन जानकारी जुटानी होती …
आज की डिजिटल पत्रकारिता और कंटेंट क्रिएशन में वीडियो एक प्रभावशाली माध्यम बन गया है। खबरों, डॉक्यूमेंट्री, फीचर और ब्लॉगिंग में वीडियो का उपयोग दर्शकों को घटनाओं और विचारों का वास्तविक और सजीव अनुभव प्रदान करता है। इसलिए पत्रकार और कंटेंट क्रिएटर के लिए वीडियो शूटिंग और एडिटिंग की मूल बातें जानना अनिवार्य है। वीडियो शूटिंग के बेसिक्स: कैमरा एंगल और फ्रेमिंग: सही एंगल और फ्रेमिंग से दृश्य का प्रभाव बढ़ता है। विषय को केंद्र में रखना और अतिरिक्त तत्वों से ध्यान भटकने से बचाना जरूरी है। लाइटिंग: प्रकाश की स्थिति वीडियो की गुणवत्ता को प…
आज की पत्रकारिता में मोबाइल और कैमरा रिपोर्टिंग ने पारंपरिक पत्रकारिता के तरीके को पूरी तरह बदल दिया है। मोबाइल और कैमरा का उपयोग करके पत्रकार तत्काल और वास्तविक घटनाओं को रिकॉर्ड कर सकते हैं और तुरंत प्रकाशित या साझा कर सकते हैं। यह तकनीक विशेष रूप से फील्ड रिपोर्टिंग, आपदा क्षेत्र, स्थानीय घटनाओं और लाइव कवरेज में बेहद प्रभावी है। छोटे और पोर्टेबल उपकरण होने के कारण पत्रकार तेजी से घटना स्थल पर पहुँच सकते हैं और घटनाओं का प्रामाणिक दृश्य रिकॉर्ड कर सकते हैं। मोबाइल और कैमरा से रिपोर्टिंग केवल दृश्य रिकॉर्डिंग तक सीमित नहीं है। इसमें सटीक औ…
फोटो पत्रकारिता आज की आधुनिक पत्रकारिता का एक अनिवार्य और प्रभावशाली हिस्सा बन गई है। यह केवल घटनाओं की सूचना देने तक सीमित नहीं है, बल्कि दृश्य के माध्यम से भावनाएँ, माहौल और वास्तविकता पाठक या दर्शक तक पहुँचाती है। एक तस्वीर कई शब्दों के बराबर प्रभाव डालती है और घटनाओं की गंभीरता, आनंद, दुख या संघर्ष को सीधे महसूस करने का अवसर देती है। यही कारण है कि फोटो पत्रकारिता न केवल समाचार को रोचक बनाती है बल्कि उसे अधिक सजीव और विश्वसनीय भी बनाती है। फोटो पत्रकारिता का महत्व कई स्तरों पर देखा जा सकता है। सबसे पहले, यह पाठकों को दृश्य माध्यम के जरि…
आज की पत्रकारिता केवल शब्दों तक सीमित नहीं रह गई है। फोटो और वीडियो पत्रकारिता ने समाचार और कहानी कहने के तरीके में क्रांति ला दी है। यह दृश्य माध्यम पाठक और दर्शक को घटनाओं और परिस्थितियों का वास्तविक और सजीव अनुभव प्रदान करता है। एक प्रभावशाली फोटो या वीडियो हजारों शब्दों के बराबर प्रभाव डाल सकता है, क्योंकि यह सीधे भावनाओं और वास्तविकता को सामने लाता है। फोटो पत्रकारिता में तस्वीरों के माध्यम से घटनाओं, लोगों और सामाजिक मुद्दों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया जाता है। इसके लिए सही कोण, प्रकाश, फ्रेमिंग और क्षण की पहचान करना आवश्यक होता…
पत्रकारिता में केवल घटनाओं की जानकारी देना पर्याप्त नहीं होता; पाठकों और दर्शकों को सटीक, तथ्यपरक और विश्लेषणात्मक रिपोर्ट प्रदान करना आवश्यक है। इसी उद्देश्य से किसी मुद्दे पर रिसर्च आधारित रिपोर्ट तैयार करना एक महत्वपूर्ण अभ्यास है। इस अभ्यास में सबसे पहले पत्रकार को उस विषय या मुद्दे का चयन करना होता है, जिसके बारे में गहन अध्ययन और विश्लेषण किया जा सके। इसके बाद प्राथमिक और द्वितीयक स्रोतों से तथ्य जुटाने की प्रक्रिया शुरू होती है। प्राथमिक स्रोतों में प्रत्यक्षदर्शी, सरकारी दस्तावेज़, साक्षात्कार और फील्ड वर्क शामिल होते हैं, जबकि द्वित…
पत्रकारिता और फील्ड रिपोर्टिंग में सूचना जुटाने और रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया में जोखिम और सुरक्षा सावधानियों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। पत्रकार कभी-कभी ऐसे क्षेत्रों में कार्य करते हैं जहाँ प्राकृतिक आपदा, राजनीतिक अस्थिरता, हिंसा, अपराध या स्वास्थ्य संबंधी खतरे मौजूद होते हैं। ऐसे मामलों में सुरक्षा सावधानियों का पालन न करना पत्रकार और उसकी टीम के लिए गंभीर खतरे उत्पन्न कर सकता है। जोखिम का मूल्यांकन करना पत्रकारिता का पहला कदम है। रिपोर्टिंग से पहले यह जानना जरूरी है कि क्षेत्र में कौन-कौन से खतरे हैं, स्थानीय परिस्थितियाँ कैसी …
पत्रकारिता में तथ्य और प्रमाण की विश्वसनीयता सबसे महत्वपूर्ण होती है, और इसे सुनिश्चित करने के लिए गुप्त स्रोतों और शोध (रिसर्च) की तकनीक का उपयोग अत्यंत आवश्यक है। गुप्त स्रोत ऐसे लोग या संस्थाएँ होती हैं जो जानकारी साझा करना चाहते हैं, लेकिन अपने नाम या पहचान को सार्वजनिक नहीं करना चाहते। ये स्रोत पत्रकारों को ऐसे तथ्य प्रदान कर सकते हैं जो अन्य माध्यमों या सार्वजनिक दस्तावेज़ों में उपलब्ध नहीं होते। गुप्त स्रोतों का सही और सुरक्षित उपयोग करना पत्रकारिता में निष्पक्षता और विश्वसनीयता बनाए रखने की कुंजी है। गुप्त स्रोतों से जानकारी प्राप्त…
आज के डिजिटल और सूचना युग में पत्रकारिता केवल तथ्यों को रिपोर्ट करने तक सीमित नहीं रह गई है; बल्कि सूचना जुटाने, विश्लेषण करने और तथ्य प्रस्तुत करने की क्षमता ही उसे प्रभावी बनाती है। इसी संदर्भ में RTI (सूचना का अधिकार) और डेटा पत्रकारिता महत्वपूर्ण उपकरण बनकर उभरे हैं। RTI पत्रकारों को सरकारी विभागों, एजेंसियों और सार्वजनिक संस्थाओं से तथ्य और दस्तावेज़ सीधे प्राप्त करने का अधिकार देती है। इसके माध्यम से पत्रकार विभिन्न योजनाओं, सरकारी खर्चों, नीतियों और निर्णयों के पीछे की वास्तविक स्थिति जान सकते हैं। यह पारदर्शिता सुनिश्चित करती है और …
खोजी पत्रकारिता पत्रकारिता की सबसे चुनौतीपूर्ण और प्रभावशाली शाखा मानी जाती है। यह केवल सतही खबरों या सामान्य रिपोर्टिंग तक सीमित नहीं रहती, बल्कि गहन जांच, साक्ष्यों के विश्लेषण और विभिन्न स्रोतों से जानकारी जुटाने के माध्यम से समाज में छिपी हुई सच्चाई को सामने लाने का कार्य करती है। इसमें पत्रकार को घटनाओं के पीछे के कारणों, प्रासंगिक दस्तावेज़ों, सरकारी और निजी रिकॉर्डों, प्रत्यक्षदर्शियों और कभी-कभी गोपनीय स्रोतों से तथ्यों की पुष्टि करनी पड़ती है। खोजी पत्रकारिता का उद्देश्य न केवल खबर देना है, बल्कि समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार, अनुचित प्…
खोजी पत्रकारिता पत्रकारिता का वह विशेष क्षेत्र है, जिसमें केवल सतही जानकारी पर निर्भर नहीं किया जाता बल्कि गहन जांच और तथ्य-पड़ताल के माध्यम से सत्य को सामने लाना मुख्य उद्देश्य होता है। यह पत्रकारिता आम समाचार से अलग होती है क्योंकि इसमें रिपोर्टर को घटनाओं के पीछे के कारणों, छिपी हुई जानकारियों और प्रणालीगत खामियों का पता लगाना पड़ता है। खोजी पत्रकारिता समाज की महत्वपूर्ण समस्याओं, भ्रष्टाचार, मानवाधिकार उल्लंघन, आर्थिक अनियमितताओं और अन्य संवेदनशील मुद्दों पर प्रकाश डालती है। खोजी पत्रकारिता की प्रक्रिया अत्यंत मेहनती और समय-साध्य होती है…
पत्रकारिता में केवल खबर लिखना पर्याप्त नहीं होता; उसे सटीक, स्पष्ट और पठनीय बनाने के लिए संपादन करना बेहद जरूरी है। इसी उद्देश्य से लिखी हुई खबर को संपादित करने का अभ्यास छात्रों और पत्रकारों के लिए सबसे प्रभावी तरीका है। इस अभ्यास में सबसे पहले खबर को ध्यानपूर्वक पढ़ा जाता है और यह जाँचा जाता है कि क्या सभी तथ्य सही और प्रमाणित हैं। इसके बाद भाषा, वाक्य संरचना, अनुच्छेदों की क्रमबद्धता और प्रवाह पर ध्यान दिया जाता है। संपादन के दौरान अनावश्यक शब्दों, दोहराव और अस्पष्ट वाक्यों को हटाया या सुधारा जाता है। यदि खबर में किसी तथ्य या स्रोत की कम…
लेखन की प्रक्रिया केवल सामग्री तैयार करने तक सीमित नहीं है; इसे प्रभावशाली और सटीक बनाने के लिए संपादन और प्रूफरीडिंग बेहद आवश्यक हैं। संपादन का उद्देश्य लेख को अधिक स्पष्ट, व्यवस्थित और पठनीय बनाना है। इसमें वाक्यों का प्रवाह, अनुच्छेदों की संरचना, जानकारी की क्रमबद्धता और शैली को सुधारा जाता है। एक अच्छी संपादित सामग्री पाठक को सहज रूप से संदेश पहुँचाती है और उसे पढ़ने में रुचि बनाए रखती है। संपादन के दौरान लेखक को यह देखना चाहिए कि क्या सभी तथ्य सही हैं, क्या स्रोत विश्वसनीय हैं, और क्या लेख के सभी भाग विषय के अनुरूप हैं। अक्सर लेखक अपने …
लेखन और संवाद की सफलता का सबसे बड़ा आधार है भाषा और व्याकरण । किसी भी जानकारी या विचार को बिना सही भाषा और व्याकरण के प्रस्तुत करना उतना प्रभावशाली नहीं होता, जितना कि इसे सटीक और स्पष्ट ढंग से लिखा जाए। भाषा वह माध्यम है, जिसके माध्यम से लेखक या पत्रकार अपने विचार, संदेश और भावनाएँ पाठक या दर्शक तक पहुँचाता है। यदि भाषा सहज, सरल और स्पष्ट नहीं होगी, तो पाठक को संदेश समझने में कठिनाई होगी और संवाद का उद्देश्य पूरा नहीं होगा। व्याकरण लेखन की संरचना और विश्वसनीयता का आधार है। सही व्याकरण न केवल वाक्यों को सुसंगठित बनाता है, बल्कि पाठक के मन में…
लेखन किसी भी संवाद या पत्रकारिता की आत्मा है। लेकिन केवल लिख देना ही पर्याप्त नहीं होता—लेखन ऐसा होना चाहिए कि पाठक तुरंत समझ सके, उसमें विश्वास पैदा हो और वह उसे आगे तक पढ़ने के लिए प्रेरित करे। यही कारण है कि सरल, प्रभावी और निष्पक्ष लेखन को पत्रकारिता और शैक्षिक लेखन की सबसे महत्वपूर्ण कला माना जाता है। सरल लेखन का मतलब है जटिल शब्दों, कठिन वाक्यों और तकनीकी शब्दावली का अत्यधिक प्रयोग न करना। सरल लेखन पाठकों को सहजता से जोड़ता है और उन्हें सामग्री को समझने में कठिनाई नहीं होती। उदाहरण के लिए, किसी राजनीतिक नीति के बारे में लेख लिखते समय …
लेखन और संपादन पत्रकारिता और कंटेंट क्रिएशन की नींव हैं। एक सफल रिपोर्टर या लेखक वही होता है जो अपनी बात को स्पष्ट, सटीक और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत कर सके। लेखन का उद्देश्य केवल शब्दों में जानकारी देना नहीं होता, बल्कि पाठक या दर्शक को समझाना, जागरूक करना और प्रेरित करना भी होता है। वहीं, संपादन की प्रक्रिया लेखन को परिपक्व, त्रुटिरहित और पठनीय बनाने में मदद करती है। लेखन और संपादन के बिना कोई भी सामग्री प्रभावी और विश्वसनीय नहीं बन सकती। सरल, प्रभावी और निष्पक्ष लेखन भाषा और व्याकरण का महत्व संपादन और प्रूफरीडिंग अभ्यास: लिखी हुई खबर को सं…
साक्षात्कार कला का अभ्यास करने के लिए सहपाठी का इंटरव्यू लेना एक सरल और प्रभावी तरीका है। यह अभ्यास छात्रों को प्रश्न तैयार करने, भाषा के प्रयोग और शिष्टाचार बनाए रखने की वास्तविक प्रक्रिया सिखाता है। किसी सहपाठी को इंटरव्यू के लिए चुनते समय पहले उसे सहज और आरामदायक माहौल देना चाहिए, ताकि वह खुलकर अपनी बात कह सके। इसके बाद कुछ सामान्य प्रश्नों से शुरुआत करनी चाहिए, जैसे उसका नाम, शौक, पसंदीदा विषय या भविष्य की योजनाएँ। धीरे-धीरे बातचीत को रोचक और गहराई वाले प्रश्नों की ओर ले जाया जा सकता है, जैसे कि पढ़ाई में आने वाली चुनौतियाँ, जीवन के अनुभव…
साक्षात्कार केवल प्रश्न–उत्तर का आदान-प्रदान नहीं है, बल्कि यह संवाद की एक संवेदनशील प्रक्रिया है, जिसमें भाषा और शिष्टाचार की भूमिका सबसे अधिक महत्वपूर्ण होती है। इंटरव्यू लेने वाले व्यक्ति की भाषा हमेशा सहज, सरल और सम्मानजनक होनी चाहिए, ताकि सामने वाला खुलकर अपने विचार व्यक्त कर सके। कटु, आरोपित या असभ्य शब्दों का प्रयोग कभी नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे इंटरव्यू देने वाला असहज हो सकता है और बातचीत का प्रवाह टूट सकता है। शिष्टाचार का पालन करते हुए प्रश्न पूछना, सामने वाले को बीच में न टोकना, उसकी बात ध्यान से सुनना और उचित अवसर पर प्रतिक्र…
साक्षात्कार की सफलता का सबसे बड़ा आधार सही प्रश्न होते हैं, क्योंकि प्रश्न ही पूरे संवाद की दिशा तय करते हैं। एक कुशल पत्रकार या इंटरव्यू लेने वाला व्यक्ति कभी भी बिना तैयारी के प्रश्न नहीं करता, बल्कि पहले से विषय और इंटरव्यू देने वाले व्यक्ति की पृष्ठभूमि का अध्ययन करता है। प्रश्न तैयार करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि वे सरल, स्पष्ट और उद्देश्यपूर्ण हों। बहुत लंबे और जटिल प्रश्न सामने वाले को उलझा सकते हैं, इसलिए प्रश्न छोटे लेकिन गहरे होने चाहिए। इंटरव्यू में हमेशा खुले प्रश्नों को प्राथमिकता देनी चाहिए, ताकि व्यक्ति अपने विचार विस्तार से व…
पत्रकारिता और जनसंचार में इंटरव्यू सबसे सशक्त माध्यमों में गिना जाता है। यह केवल प्रश्न–उत्तर का आदान-प्रदान भर नहीं होता, बल्कि यह संवाद की वह प्रक्रिया है, जिसमें सामने वाले व्यक्ति के विचार, अनुभव, दृष्टिकोण और व्यक्तित्व का परिचय मिलता है। इंटरव्यू के कई प्रकार होते हैं, लेकिन मुख्य रूप से इन्हें तीन श्रेणियों में बाँटा जा सकता है। पहला है संक्षिप्त इंटरव्यू , जिसे अक्सर कार्यक्रमों, घटनाओं या तात्कालिक परिस्थितियों में लिया जाता है। इसमें सीमित समय में कुछ ही प्रश्न पूछे जाते हैं और उत्तर भी छोटे होते हैं। उदाहरण के लिए किसी समारोह के ब…
पत्रकारिता और संचार की दुनिया में साक्षात्कार सबसे प्रभावी माध्यमों में से एक है। साक्षात्कार केवल सवाल-जवाब की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह विचारों, अनुभवों और तथ्यों को समझने का एक सशक्त उपकरण है। एक सफल इंटरव्यू वह होता है जिसमें संवाद सहज और स्वाभाविक लगे, और पाठक या दर्शक को नई और विश्वसनीय जानकारी प्राप्त हो। इसके लिए इंटरव्यू लेने वाले व्यक्ति में सतर्कता, तैयारी और शिष्टाचार का होना जरूरी है। इंटरव्यू के प्रकार (संक्षिप्त, विस्तृत, लाइव) प्रश्न तैयार करने की तकनीक इंटरव्यू में भाषा और शिष्टाचार अभ्यास: सहपाठी का इंटरव्यू लेना साक्षात्का…
पत्रकारिता केवल सिद्धांतों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक व्यावहारिक कला है। जब तक पत्रकार घटनाओं पर खुद रिपोर्ट तैयार करने का अभ्यास नहीं करेगा, तब तक उसमें आत्मविश्वास और दक्षता नहीं आएगी। स्थानीय घटनाएँ रिपोर्टिंग सीखने के लिए सबसे उपयुक्त अवसर देती हैं, क्योंकि वे नज़दीकी और सरल होती हैं। किसी विद्यालय का कार्यक्रम, खेल प्रतियोगिता, सड़क दुर्घटना, सांस्कृतिक उत्सव या सामाजिक आंदोलन—ये सभी विषय शुरुआती पत्रकारों के लिए अभ्यास का अच्छा आधार बनते हैं। उदाहरण रिपोर्ट : विद्यालय में विज्ञान प्रदर्शनी शीर्षक: स्थानीय विद्यालय में विज्ञान प्रद…
पत्रकारिता में समय बहुत कीमती होता है। घटनाएँ अचानक घटती हैं और रिपोर्टर को तुरंत जानकारी दर्ज करनी पड़ती है। ऐसे में दिमाग पर निर्भर रहना हमेशा सुरक्षित नहीं होता, क्योंकि इंसान कभी-कभी तथ्य या बयान भूल सकता है। इसलिए हर पत्रकार के लिए नोट्स बनाने और रिकॉर्डिंग करने की तकनीकें बेहद जरूरी होती हैं। यह न केवल खबर की सटीकता बनाए रखती हैं, बल्कि रिपोर्टिंग को विश्वसनीय भी बनाती हैं। नोट्स बनाने की कला नोट्स पत्रकार के सबसे भरोसेमंद साथी होते हैं। रिपोर्टिंग करते समय लंबी-लंबी बातें लिखना संभव नहीं होता, इसलिए संक्षिप्त और स्पष्ट शब्दों में नोट…
पत्रकारिता में रिपोर्टिंग को सबसे अहम और जीवंत कला माना जाता है। यह केवल घटनाओं का विवरण देने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि समाज की नब्ज़ को पकड़ने और जनता तक सटीक जानकारी पहुँचाने का माध्यम भी है। रिपोर्टिंग के माध्यम से ही जनता सरकार, राजनीति, खेल, समाज और आपसी घटनाओं से जुड़ पाती है। एक सच्चा और जिम्मेदार रिपोर्टर न केवल तथ्यों को सामने लाता है, बल्कि समाज की सोच और दिशा पर भी गहरा प्रभाव डालता है। रिपोर्टिंग के अनेक प्रकार हैं, जिनमें फील्ड, राजनीतिक, खेल और सामाजिक रिपोर्टिंग सबसे प्रमुख हैं। प्रत्येक का अपना महत्व है और प्रत्येक से पत्रकार…
पत्रकारिता में रिपोर्टिंग को सबसे अहम और जीवंत कला माना जाता है। यह केवल घटनाओं का विवरण देने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि समाज की नब्ज़ को पकड़ने और जनता तक सटीक जानकारी पहुँचाने का माध्यम भी है। रिपोर्टिंग के माध्यम से ही जनता सरकार, राजनीति, खेल, समाज और आपसी घटनाओं से जुड़ पाती है। एक सच्चा और जिम्मेदार रिपोर्टर न केवल तथ्यों को सामने लाता है, बल्कि समाज की सोच और दिशा पर भी गहरा प्रभाव डालता है। रिपोर्टिंग के अनेक प्रकार हैं, जिनमें फील्ड, राजनीतिक, खेल और सामाजिक रिपोर्टिंग सबसे प्रमुख हैं। प्रत्येक का अपना महत्व है और प्रत्येक से पत्रकार…
पत्रकारिता का सबसे अहम और सक्रिय हिस्सा रिपोर्टिंग को माना जाता है। रिपोर्टिंग केवल समाचार एकत्र करने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह समाज की नब्ज पकड़ने का माध्यम है। जब कोई पत्रकार किसी घटना, दुर्घटना, राजनीतिक गतिविधि या सामाजिक मुद्दे को अपनी लेखनी और प्रस्तुति के जरिए सामने लाता है, तो वह केवल सूचना ही नहीं देता बल्कि लोगों को सोचने, समझने और कदम उठाने के लिए प्रेरित भी करता है। एक सशक्त और जिम्मेदार रिपोर्टिंग समाज में पारदर्शिता और जागरूकता बढ़ाती है। इसीलिए पत्रकार बनने का सपना देखने वाले किसी भी विद्यार्थी या युवा को सबसे पहले अपनी रिप…
सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में शोधकर्ता सुजीत कुमार पांडेय को उनके शिक्षण एवं शोध योगदान के लिए भारत माता अभिनंदन संस्थान, सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) ने भारत माता शिक्षक रत्न राष्ट्रीय सम्मान 2025 से सम्मानित किया है। पश्चिम बंगाल / सिद्धार्थनगर जनपद के ग्राम बकरहुआं निवासी सुजीत कुमार पांडेय ने यह उपलब्धि हासिल कर जिले का नाम गौरवान्वित किया है। उनके पिता श्री केशव प्रसाद पांडेय को गांववासियों ने बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। सुजीत पांडेय ने 12वीं तक की शिक्षा सिद्धार्थनगर में प्राप्त की, स्नातक की पढ़ाई एम.एल.के.पी.जी. कॉलेज बलरामपुर …
“देश-विदेश में सक्रिय लेखन, 27 पुस्तकों के रचयिता साहित्यकार दंपत्ति का साहित्यान्चल सम्मान हेतु चयन” (हिसार, सिवानी मंडी) भीलवाड़ा, राजस्थान – औद्योगिक नगरी के साथ-साथ साहित्य साधना की धरा बन चुके भीलवाड़ा से एक महत्वपूर्ण समाचार सामने आया है। साहित्यांचल संस्था द्वारा घोषित परिणामों में सिवानी मंडी के गाँव बड़वा के साहित्यकार दंपत्ति डॉ. प्रियंका सौरभ और डॉ. सत्यवान सौरभ का राष्ट्रीय स्तर के सम्मान हेतु चयन हुआ है। घोषित सूची के अनुसार, डॉ. प्रियंका सौरभ का चयन “सुशीला देवी खमेसरा राष्ट्रीय साहित्यांचल सम्मान” (₹5100) और डॉ. सत्यवान सौर…
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